Ravi pandey75

  भारत एक विविधताओं में एकता का देश है

कर्ण edit

महाभारत का एक पात्र "कर्ण" जो महाभारत का एक अभिन्न हिस्सा था सहृदय था, भगवन श्री कृष्ण के समझाने के बाद वह बोला -भगवन जीवन का मूल समझता हूँ धन को धूल समझता हूँ अर्थात मेरे जीवन में राज पाट ,भोग विलास, का कोई मतलब नहीं है। मैं तो अपने उस मित्र के लिए ये धर्मयुद्ध लड़ रहा हूँ जिसने मेरा साथ उस समय पर दिया जिस समय पर मेरा साथ अपनों ने छोड़ दिया था।। Ravi pandey75 (talk) 09:13, 5 November 2018 (UTC)Reply